The woods are lovely, dark and deep,
But I have promises to keep,
And miles to go before I sleep,
And miles to go before I sleep.
गहन सघन मनमोहन वन तरु मुझको आज बुलातें हैं
किंतु किए जो वादे मैंने मुझे याद आ जातें हैं
अभी कहाँ आराम बड़ा ये मूक निमंत्रण छलना है
अरे अभी तो मीलों मुझको मीलों मुझको चलना है